तृतीय विश्व युद्ध कब और कैसा होगा : Yogesh Mishra

सारा विश्व इन दिनों तृतीय विश्व युद्ध की आशंका से डरा हुआ है ! संपूर्ण मानवता पर इन दिनों एक संभावित महायुद्ध के संकट के बादल मडरा रहे हैं ! प्राचीन जगत के कई वैज्ञानिकों और ज्योतिषियों ने तीसरे युद्ध के होने पर परमाणु और आणविक आयुधों से समस्त सभ्यता के पूरी तरह नष्ट होने की भविष्यवाणियां भी की हैं ! इस संभावित युद्ध के परिणाम कितने घातक हो सकते हैं ! इसकी कल्पना करना बहुत कठिन है !

वर्तमान में विश्व के प्रमुख राष्ट्राध्यक्षों के व्यवहार और बातचीत से जिस प्रकार की स्थिति सामने आ रही है ! उसे देखकर लगता है कि तीसरा विश्व युद्ध मनुष्य के अधिक समीप है ! कभी अमेरिका, कभी रूस, कभी उत्तरी कोरिया और कभी चीन से युद्ध को भड़काने वाले वक्तव्य बराबर सामने आने लगे हैं ! कभी भी कहीं से कोई चिंगारी फूटने भर की देर है कि सब कुछ खत्म करने वाला एक युद्ध छिड़ सकता है !

फ्रांस में 14 दिसंबर 1503 को फ्रांस में जन्मे नास्त्रेदमस ने तीसरे विश्व युद्ध की जो भविष्यवाणी की है ! वह बहुत ही डराने वाली है ! दुनिया के सबसे प्रसिद्ध भविष्यवक्ता ने अपनी बातें दोहों में एक “सेंचुरी” नामक पुस्तक में कहीं है ! नास्त्रेदमस ने हिरोशिमा पर परमाणु बम गिराये जाने की भी भविष्यवाणी कर दी थी !

अब तक पृथ्वी पर होने वाली सभी आपदा, मौत, युद्ध और कयामत पर उनकी भविष्यवाणी काफी सटीक रही हैं ! नास्त्रेदमस ने अपनी एक भविष्यवाणी में कहा है कि जब तृतीय युद्ध चल रहा होगा उस दौरान चीन के रासायनिक हमले से एशिया और योरोप में तबाही और मौत का मंजर होगा ! ऐसा इस समय कोरोना को लेकर चल ही रहा है !

नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी के विश्लेषणों के अनुसार जब तृतीय विश्वयुद्ध चल रहा होगा ! उसी दौरान आकाश से आग का एक गोला पृथ्वी की ओर बढ़ेगा और जो हिंद महासागर में आग का एक तूफान खड़ा कर देगा ! इस घटना से दुनिया के कई राष्ट्र जलमग्न हो जायेंगे !

आगे वह लिखते हैं कि एक देश में जनक्रांति से नया नेता सत्ता संभालेगा ! यह मिस्र में हो चुका है ! नया पोप दूसरे देश में बैठेगा ! यह भी हो चुका है ! मंगोल चीन चर्च के खिलाफ युद्ध छेड़ेगा ! अर्थात चीन का अमेरिका के खिलाफ छद्मयुद्ध तो जारी है ही ! नया धर्म अर्थात इस्लाम चर्च के खिलाफ भारी मारकाट करते हुये इटली और फ्रांस तक जा पहुंचेगा ! तब तृतीय विश्व युद्ध शुरू होगा !

ऐसा देखा गया है कि जब भी ब्रह्मांड में देव व असुर ऊर्जाओं का संतुलन बिगड़ता है तो वह किसी न किसी रूप में पृथ्वी पर भी युद्ध और प्राकृतिक आपदा के रूप में दिखाई पड़ता है ! जब भी अधिकांश ग्रह एक ओर आ जाते हैं तो यह देव व असुर ऊर्जाओं के असंतुलन का सूचक है ! जिससे मानव मस्तिष्क पर भी पूर्ण नकारात्मक प्रभाव पड़ता है ! इसके कारण मनुष्य आक्रामक रूप धारण कर लेता है और उसके सोचने की क्षमता समाप्त हो जाती है ! इसी के कारण बड़े बड़े युद्ध होते हैं !

ग्रहों का असर अतिसूक्ष्म और प्रभावी होता है ! जिसको किसी भी यंत्र द्वारा नहीं मापा जा सकता है ! लेकिन इसका प्रभाव उदाहरण के रूप में समुद्र द्वारा देख सकते हैं ! जब भी चंद्रमा चतुर्थ व दशम भाव में आता है उसके गुरुत्वाकर्षण के कारण समुद्र में ज्वार भाटे आते हैं ! जब अमावस्या के दिन चंद्रमा के साथ सूर्य का भी मेल हो जाता है तो उसका प्रभाव और भी बढ़ जाता है !

ग्रहण काल में गुरुत्वाकर्षण का प्रभाव और अधिक हो जाता है ! जब चंद्रमा व सूर्य के साथ राहु या केतु भी साथ ही आ जाते हैं ! इसी प्रकार जब कई ग्रह एक ओर हो जाते हैं ! तो भूकंप व अन्य प्राकृतिक आपदायें पैदा होती हैं ! खास तौर से तब जब 30 दिन के अन्दर तीन ग्रहण एक साथ पड़ते हैं ! वर्ष 2020 में भी ऐसा ही कुछ होने जा रहा है ! जैसा राम रावण युद्ध के पूर्व और महाभारत युद्ध के पूर्व हुआ था !

वर्ष 2020 के नये साल का पहला चन्द्र ग्रहण 10 जनवरी को हो चुका है ! जो चन्द्र ग्रहण भारत, यूरोप, अफ्रीक, एशिया और आस्ट्रेलिया में देखा गया था !

अब दूसरा चंद्रग्रहण 5 जून 2020 को लगने जा रहा है ! यह चंद्रग्रहण 5 जून की मध्य रात्रि को 11 बजकर 15 मिनट से शुरू होगा और 6 जून को रात्रि 2 बजकर 34 मिनट तक रहेगा ! इस ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 19 मिनट होगी ! चंद्रग्रहण भारत, यूरोप, अफ्रीक, एशिया और आस्ट्रेलिया में देखा जायेगा !

तीसरा ग्रहण सूर्य ग्रहण होगा ! यह ग्रहण चंद्रग्रहण के 15 दिन बाद 21 जून 2020 को लगने जा रहा है ! सूर्य ग्रहण 21 जून की सुबह 9 बजकर 15 मिनट से शुरू होगा और दोपहर 15 बजकर 03 मिनट तक रहेगा ! इस ग्रहण की कुल अवधि 5 घंटे 48 मिनट है ! इस ग्रहण को भारत, दक्षिण पूर्व यूरोप और एशिया में देखा जायेगा !

पुनः 15 दिन के अंतराल पर 30 दिन के अन्दर चौथा ग्रहण चंद्रग्रहण होगा ! ग्रहण 5 जुलाई 2020 को लगेगा ! यह चंद्रग्रहण 5 जुलाई की भारतीय समय के अनुसार सुबह को 08 बजकर 37 मिनट से शुरू होगा और 11 बजकर 22 मिनट तक रहेगा ! इस ग्रहण की कुल अवधि 2 घंटे 45 मिनट है ! हालांकि चंद्रग्रहण भारत में नहीं दिखेगा ! फिर भी इसको अमेरिका, दक्षिण पूर्व यूरोप और अफ्रीका में देखा जा सकेगा !

इसके बाद इस साल का पांचवा ग्रहण भी चंद्रग्रहण होगा ! जो 30 नवंबर 2020 को लगने जा रहा है ! यह ग्रहण भी भारतीय समय के अनुसार दोपहर को 13 बजकर 02 मिनट से शुरू होगा और शाम 17 बजकर 23 मिनट तक रहेगा ! इस ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे 21 मिनट है ! इसको भारत, अमेरिका, प्रशांत महासागर, एशिया और आस्ट्रेलिया में देखा जायेगा !

इसके बाद इस साल 2020 का छठवां और अंतिम ग्रहण सूर्य ग्रहण होगा ! यह ग्रहण 14 दिसंबर 2020 को लगेगा ! ग्रहण 14 दिसंबर की शाम को 19 बजकर 03 मिनट से शुरू होगा और 15 दिसंबर को 12 बजकर 22 मिनट तक रहेगा ! इस ग्रहण की कुल अवधि 5 घंटे 19 मिनट है ! हालांकि यह सूर्यग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, इसको प्रशांत महासागर, दक्षिण अमेरिका और अंटार्कटिका में देखा जा सकेगा ! साल 2021 में जनवरी से लेकर अप्रैल महीने तक कोई ग्रहण नहीं लगेगा !

एक वर्ष में छह ग्रहण पड़ना ! जिसमें 30 दिन में तीन ग्रहण का पड़ना निकट भविष्य में भूकंप, प्राकृतिक आपदाओं, विषाणु छद्म युद्ध और परमाणु युद्ध की संभावनाओं से इन्कार नहीं किया जा सकता है ! इस युद्ध समस्त इसाई धर्म को मानाने वाले देश एक तरफ होंगे और चीन व समस्त इस्लामिक देश दूसरी तरफ होंगे ! पूर्वी एशिया तथा योरोप इस युद्ध का रण क्षेत्र होगा ! यह युद्ध 27 वर्षों तक चलेगा !

अब प्रश्न है यह सब होगा कब ! तो नास्त्रेदमस कहते हैं कि शुक्रो का नेता अर्थात जो धर्म शुक्रवार को महत्व देता है अर्थात इस्लाम धर्म का नेता इसके बाद चर्चो के लिये बुरे दिन लायेगा ! कब ! जब सूर्य अपने पुत्र शनि से उसके घर मिलने जायेगा ! अर्थात 24 जनवरी 2020 को सूर्य अपने पुत्र शनि की मकर राशि में था ! उसी समय शनि का भी अपनी ही राशि में प्रवेश हुआ है ! तभी से छद्म युद्ध शुरू होगा ! जो कोरोना विषाणु युद्ध के रूप में दिख रहा है !

जब मंगल, सूर्य और शुक्र ग्रह सिंह राशि मे होंगे ! तब साक्षात युद्ध शुरू होगा ! समुद्री लड़ाई में इस्लाम ईसाईयों को हरा देगा ! वह पोप के देश इटली व स्पेन पर कब्ज़ा कर लेगा ! उसके इस्लाम ऐसी तबाही मचायेगा की एक समय ऐसा होगा कि फ़्रांस के लोग भी उसके गुलाम हो जायेगे !

तब चीन की फौजें फ्रांस में घुसेगी और जम कर आणविक और कींटाणु अस्त्रों का प्रयोग होगा ! इसके बाद यह फौजें पूर्वी यूरोप के भीतर तक घुस जायेगी ! वहां से दक्षिण स्पेन पर अरब फौजों की मदद से हमला किया जायेगा।

ईरानवासी एक अरब मुखिया दक्षणि पूर्वी स्पेन पर काबू पा लेगा ! शनि और मंगल सिंह राशि में होंगे ! तब स्पेन हाथ से जाता रहेगा ! फ्रांसीसी हार ही जायेंगे ! फिर पूर्वी हमलावर यूरोप पर भारी बमबारी करेगा ! इटली को ही यह लोग युद्ध का प्रमुख अड्डा बनायेंगे। यूरोप कीटाणु हमले का शिकार होगा ! बड़े शहरों में गृह युद्ध जैसे हालात हो जायेंगे और लोग खुलकर सड़कों पर उतरेंगे ! कोई किसी की नहीं सुनेगा !

चीन के सहयोग से इस्लामिक सेना पूरे योरोप को लूट लेगी ! योरोप के खजाने, संग्रहालय, चर्च, सोना आदि सभी कुछ यह लुटेरे लूट ले जायेंगे ! पूरे योरोप में खुले आम सडकों पर बलात्कार होगा ! लाशों के ढेर होंगे ! जिन्हें कोई उठाने वाला भी नहीं होगा ! चील, कौवे, गिद्ध इन लाशों को नोच नोच कर खायेंगे ! जिनमें कुछ जिन्दा असहाय लोग भी होंगे ! उन्हें भी नोच नोच कर खाया जायेगा !

दुनिया की आबादी मात्र 50 करोड़ बचेगी ! अमेरिका के कई शहर परमाणु हमलों से नष्ट हो जायेंगे ! तब अमेरिका के आग्रह पर रूस भी युद्ध में प्रवेश करेगा ! तब इस्लाम मात्र मक्का से मदीना के मध्य सिमट कर रह जायेगा ! चीन से तिब्बत अलग होगा और चीन का वजूद ख़त्म होगा !

इसके बाद सभी धर्मों का विलय होगा ! तब एक मात्र मानवता का नया धर्म उदित होगा ! तब विश्व सत्य सनातन धर्म के सिद्धांतों का अनुसरण करेगा ! लोग पुनः छोटे छोटे कस्बों में स्व आश्रित रहेंगे ! वातावरण की शुद्धि के लिये लाखों यज्ञ होंगे ! लोग सात्विक जीवन जीने के लिये बाध्य होंगे !!

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योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

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