रावण द्वारा ग्रहों को तहखाने में कैद करने का रहस्य : Yogesh Mishra

जैसा कि आज का विज्ञान भी अब स्वीकार करने लगा है कि प्रत्येक ग्रह के ब्रह्मांड में गोचर करने के कारण एक विशेष तरह की तरंग उत्पन्न होती है, जो तरंग पृथ्वी से टकरा कर पृथ्वी पर पंचतत्व में असंतुलन की स्थिति पैदा करती है ! जिससे इस पृथ्वी पर विभिन्न तरह की शुभ और अशुभ घटनाएं घटती हैं !

भूकंप, अकाल, सुनामी, महामारी, जन आक्रोश (क्रांति), आदि जैसी सैकड़ों सामूहिक जनसमस्यायें इन्हीं ग्रहों की तरंगों से इस पृथ्वी पर उत्पन्न होती हैं !

जिसे अनादि काल से ज्योतिषी, मेदनी ज्योतिष के द्वारा पूर्व में ही भविष्यवाणी करके लोगों को आगाह करते चले आ रहे हैं ! जो आज भी यह सही हो रही हैं !

वर्तमान समय में सामान्य शासक इसे प्राकृतिक आपदा कहकर अपना दामन बचा लेते हैं क्योंकि यह एक सामान्य अवधारणा है कि प्राकृतिक आपदा मनुष्य द्वारा नियंत्रित नहीं की जा सकती है !

किन्तु रावण ने भगवान शिव से प्राप्त ज्योतिष, वास्तु और ब्रह्म ज्ञान की मदद से इस तरह की प्राकृतिक आपदाओं से निपटने का भी रास्ता खोज लिया था !

उसने प्रकृति को आत्मसात करके उन तरंगों को पहचान लिया था जो विभिन्न ग्रहों के गोचर भ्रमण के दौरान उत्पन्न होकर पृथ्वी पर टकराकर पृथ्वी पर असंतुलन पैदा करती थी !

जिनके पृथ्वी पर दुष्प्रभाव रोकने के लिए रावण ने अपने भाई अंतरिक्ष वैज्ञानिक कुंभकरण के सहयोग से इस तरह के उपकरण विकसित करवा लिये थे कि जो अंतरिक्ष से आने वाली विभिन्न ग्रहों के तरंगों के नकारात्मक प्रभाव को रोकने में सक्षम हो सकें !

और उन उपकरणों को वास्तु के अनुसार लंका राज्य के अंदर तहखानों का निर्माण करके उनमें स्थापित करवा दिया था !

इसी का परिणाम था कि लंका जैसे साम्राज्य में न तो कभी कोई जन विद्रोह हुआ और न ही ग्रहों के प्रभाव से वहां कभी कोई भूकंप, सुनामी, अकाल आदि पड़ा ! जब वह चारों तरफ से समुद्र से घिरा है !

इसी विज्ञान को वैष्णव लेखकों अपने ग्रंथों में लिखा है कि “रावण ने सभी ग्रहों को अपने लंका के कैदखानों में बंद कर रखा था !

आधुनिक विज्ञान अभी इतना सक्षम नहीं हुआ है कि इस तरह के यंत्रों का निर्माण करके मानवता की रक्षा कर सकें !

लेकिन इस विषय में गहन अध्ययन और शोध की आवश्यकता है ! यदि आधुनिक विज्ञान भी इस तरह के यंत्रों का निर्माण करने में सक्षम हो जाये तो निश्चित रूप से मानवता के कल्याण के लिये यह बहुत उपयोगी वैज्ञानिक व्यवस्था होगी !!

अपने बारे में कुण्डली परामर्श हेतु संपर्क करें !

योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

 -: सम्पर्क :-
-090 444 14408
-094 530 92553

Share your love
yogeshmishralaw
yogeshmishralaw
Articles: 1766

Newsletter Updates

Enter your email address below and subscribe to our newsletter

One comment

Comments are closed.