गुरु चांडाल योग के लक्षण, प्रभाव और उपाय : Yogesh Mishra

नव ग्रहों में सबसे अधिक शुभ माना जाने वाला ग्रह गुरु है ! किसी भी कार्य के सफल या असफल होने के पीछे गुरु ग्रह की स्थिति बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है ! गुरु चांडाल योग के प्रभाव से जीवन परेशानियों से भर जाता है ! ज्योतिषशास्त्र कुंडली के अनुसार हमारे भविष्य का पूर्वानुमान लगाता है ! इसके लिये ज्योतिषशास्त्री अध्ययन करते हैं ग्रहों की दशाओं का ! इन दशाओं में कुछ ग्रह बहुत ही खराब माने जाते हैं तो कुछ बहुत शुभ भी ! इसी तर खराब ग्रह खराब योग बनाते हैं और शुभ ग्रह शुभ योग ! गुरू-चांडाल योग सबसे खराब व नकारात्मक परिणाम देने वाले योगों में से एक माना जाता है ! तो आइये जानते हैं कैसे बनता है गुरू चांडाल योग व क्या हैं इससे बचने के उपाय !

गुरू चांडाल योग बहुत ही अशुभ बहुत ही नकारात्मक परिणाम देने वाला माना जाता है तो जाहिर से बात है इसे बनाने में मुख्य भूमिका किसी अनिष्टकारी ग्रह की होगी और वो अनिष्ट कारी ग्रह कोई ओर नहीं बल्कि राहु है ! राहु का नाम ही इतना खतरनाक है तो जाहिर है कि परिणाम भी खतरनाक ही होंगे ! लेकिन अकेले राहु इस योग को नहीं बनाता बल्कि बुद्धि के देवता माने जाने वाले देव गुरु बृहस्पति यानि कि गुरु के साथ मिलकर इस अनिष्टकारी गुरु चांडाल योग का निर्माण करता है ! राहु और गुरु का जब साथ हों या फिर एक दूसरे को किसी भी भाव में बैठे देखते हों तो गुरु चाण्डाल योग बनता है ! जिस जातक की कुंडली में यह योग होता है उसे अपने जीवन में परेशानियों का अंत नज़र नहीं आता !

जन्म से ही जिस जातक की कुंडली में ऐसा योग बन रहा हो तो ऐसे जातक की कथनी-करनी में भेद मिलता है ! वह निराश व हताश रहता है उसकी प्रकृति आत्मघाती होती है ! यदि किसी जातक की कुंडली में गुरु व राहु साथ होते हैं तो यानि गुरु चांडाल योग बना रहे होते हैं तो ऐसे जातक क्रूर, धूर्त, मक्कार, दरिद्र व कुचेष्टाओं वाले भी बन जाते हैं ! ये खुद को सर्वोपरि घोषित करने के लिये गुरुजनों को बड़े बुजूर्गों का निरादर करने में भी गुरेज नहीं करते ! ये हर अच्छी चीज़ का उपयोग अपने आपको सर्वोपरि सिद्ध करने के लिये करते हैं ! ऐसे जातकों में षड़यंत्रकारी योजनाएं बनाने, अपने समकक्षों, सहकर्मियों से जलन, मित्रों से छल-कपट, दुर्भावना रखने जैसे अवगुणों का विकास भी हो जाता है ! ये जातक कामुक प्रवृति के भी हो सकते हैं ! साथ ही गुरु चांडाल योग से पीड़ित जातक मानसिक रूप से विकृत भी हो सकते हैं ! इनके साथ रहने वाले जातक भी अक्सर इनसे परेशान रहते हैं !

उपाय

गुरु ज्ञान के कारक व बुद्धि प्रदान करने वाले ग्रह हैं लेकिन जब निकृष्ट यानि नीच स्थान पर ये हों तो बुद्धि काम करना छोड़ देती है ! बुद्धि के अभाव में जातक अच्छे-बूरे का निर्णय करने में समर्थ नहीं होता ! वहीं राहु भ्रम में डालता है संदेह के घेरे में ले आता है, जातक चालबाजियां करने लग जाता है ! नीच का गुरु जहां शुभ प्रभाव देने में नाकाम होता है तो वहीं राहु का साथ रही सही कसर पूरी कर देता है ! यानि ऐसे में जातक की बुद्धि भ्रष्ट होनी तय है ! ऐसे में जातक को राहु व गुरु दोनों के नकारात्मक प्रभाव से बचने के उपाय करने पड़ते हैं, गुरु चाण्डाल दोष यदि गुरु की शत्रु राशि में बन रहा हो तो भी गुरु व राहु दोनों के उपाय करने पड़ते हैं ! लेकिन यदि गुरु उच्च का हो और राहु का उसे साथ हो फिर सिर्फ राहु के उपाय करने से राहु को शांत किया जा सकता है ! इसके बाद जातक को गुरु के कारण अच्छे परिणाम मिलने लगते हैं !

कुछ आसान ऐसे उपाय हैं जिन्हें अपनाकर आप गुरु चांडाल योग के नकारात्मक प्रभावों को कम कर सकते हैं-

1- किसी विद्वान ज्योतिष की सलाह लेकर गले में रुद्राक्ष व पीला पुखराज पहनना इस दोष के दुष्परिणामों से दूर रखता है !

2- भगवान सूर्य का पूजन करने से व्यक्ति का आत्मबल मजबूत होता है ! सूर्य अदित्य हृदय स्तोत्र के पाठ द्वारा सूर्य पूजन करना चाहिये !

3- माथे पर पीले चंदन का टीका लगाये ! गले में हल्दी की माला धारण करें !

4- राहु के उपाय के लिये पक्षियों को दाना दें ! गैस सिलेंडर या कम्बल दान करें ! शिव की उपासना करना लाभदायक होता है !

5- रॉक क्रिस्टल ग्रिड के नीचे फोटो रखने से गुरु चांडाल योग से मुक्ति मिलती है !

6- गुरु चांडाल दोष के लिये विष्णु सहस्त्रनाम स्त्रोत का नित्य पाठ करना अत्यधिक लाभदायक होता है !

7- गुरु चांडाल योग में राहु की शांति अति आवश्यक है !राहु को शांत करने के लिये आप मंत्र-जाप कर सकते हैं साथ ही मंत्रो का जाप जब पूरा हो जाये तो उसके बाद हवन व जपदान भी करना चाहिये !

8- गुरु की सेवा कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करने से भी गुरु चांडाल दोष का प्रभाव कम होता है !अपने व्यवहार में संयम लाना सीखें, सबसे प्रेम-पूर्वक मिलें व अपनी वाणी पर नियंत्रण रखें !अपनी बुद्धि से कोई निर्णय लेने का प्रयास न करें व अपने से बड़ों व अनुभवी व्यक्ति की राय जरूर लें साथ ही माता-पिता व बुजूर्गों का सम्मान करने से भी गुरु चाण्डाल दोष के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं !

9- पवन सुत श्री राम भक्त हनुमान की पूजा से भी राहु नकारात्मक प्रभाव नहीं डालते हनुमान चालीसा का पाठ करना गुरु चांडाल दोष में संजीवनी का काम कर सकता है !

10-गौ माता की सेवा करने से पुण्य की प्राप्ति तो होती है, इसलिये हरी घास का चारा यदि गौ माता को खिलाएं व गरीब जरुरतमंदों की भोजन, अन्न, वस्त्र, धन आदि से सहायता करें तो इससे भी गुरु चाण्डाल योग के नकारात्मक प्रभावों से आप बच सकते हैं !

11-भगवान भोलेनाथ की नियमित रूप से आराधना, व श्री गणेश की पूजा करने व मंत्र जाप करने से भी शुभ फल मिलते हैं व गुरु चांडाल दोष दूर होता है !

12-कच्चे दूध को बरगद की जड़ में अर्पित करने से भी इसमें लाभ मिलता है !

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योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

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