मिट्टी के बर्तनों से नहीं होता है कैंसर ! भोजन में प्रयोग करें !

मिट्टी के बर्तनों में खाना बनाने की प्रथा सदियों पुरानी है ! आज भी इसके प्रमाण देखने को मिलते हैं, कई धार्मिक मान्यताएँ भी इससे जुड़ी हुई हैं ! यदि स्वास्थ्य की बात करें तो मिट्टी के बर्तनों में खाना बनाना स्वास्थ्य के लिये सुरक्षित और लाभदायक है ! यह बात तो सभी जानते हैं कि मिट्टी के बर्तन में बना हुआ खाना कितना स्वादिष्ट होता है, स्वाद के अलावा भी इसके कई फायदे हैं ! मिट्टी के बर्तन में बनाया हुआ खाना जल्दी खराब नहीं होता है ! भोजन के पौषक तत्व भी अधिक समय तक बने रहते हैं ! यह तो सर्वविदित है कि जो भोजन धीरे-धीरे पकता है वह अधिक पौष्टिक होता है !

मिट्टी में भी कई प्रकार के पौषक तत्व होते हैं जो शरीर के लिये उपयोगी हैं ! तो यदि आप मिट्टी के बर्तन में खाना खायेंगे तो भोजन के पौषक तत्व बने रहेंगे साथ ही शरीर के लिये आवश्यक पौष्टिक तत्व मिट्टी से भी प्राप्त होते हैं ! कई भ्रांतियां हैं कि मिट्टी के बर्तन किसी भी प्रकार की मिट्टी से बना लिये जाते हैं परंतु यह सही नहीं है ! मिट्टी के बर्तन विशेष प्रकार की मिट्टी से बनाये जाते हैं किन्तु इस बात का ध्यान रखना आवश्यक है कि मिट्टी के बर्तन साफ-स्वच्छ तरीके से बनाये गए हों ! तो यदि आप चाहते हैं कि हमारे पूर्वजों की भांति हमारी उम्र भी लंबी हो और हम स्वस्थ रहें तो मिट्टी के बर्तनों में खाना खाने की आदत डाल लीजिये !

मिट्टी में अनेकों प्रकार के विटामिन्स, खनिज, धातु रस इत्यादि होते हैं जो इसे औषधिय गुणों से परिपूर्ण बनाते हैं ! हमारे प्राचीन ऋषि-मुनियों ने भी मिट्टी की महिमा का गुणगान किया है, हमारा शरीर भी इसी मिट्टी से बना है ! मिट्टी के भी कुछ प्रकार होते हैं जैसे- काली मिट्टी, पीली मिट्टी, लाल मिट्टी और सफेद मिट्टी ! काली मिट्टी चिकनी और काले रंग की होती है, इसे लगाने से ठंडक मिलती है, विष प्रभावित स्थान पर तुरंत काली मिट्टी का लेप लगाने से फायदा होता है ! प्राकृतिक चिकित्सा में भी मिट्टी का उपयोग किया जाता है !

लगभग 200 वर्ष पूर्व मिट्टी के बर्तनों के उपयोग प्रचलन से धीरे-धीरे जाने लगा क्योंकि एल्युमीनियम के बर्तनों ने इसकी जगह लेनी शुरु कर दी है जो कैंसर जैसे गंभीर रोगों का कारण है ! अब पुनः हम सनातन आयुर्वेदिक जीवन शैली की ओर अग्रसर हो रहे हैं मिट्टी के बर्तन भी इसका एक जरुरी भाग है तो आइए मिट्टी के बर्तन में खाने की प्रथा को पुनर्जीवित करें !

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योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

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