आंदोलन सदैव प्रायोजित होते हैं : Yogesh Mishra

सामाजिक आंदोलन सदैव प्रायोजित और साम्राज्यवाद के विस्तारवादी षडयंत्र का हिस्सा होते हैं ! यह कभी भी स्वस्फूर्त नहीं होते हैं ! फिर चाहे वह गांधी का आंदोलन हो या जयप्रकाश का ! इन सभी आंदोलनों के सूत्र विश्व सत्ता के नियंत्रण में होते हैं ! विश्व सत्ता के नुमाइंदे जब जहाँ चाहते हैं, वहां अपने लाभ के लिये आंदोलन खड़े कर देते हैं और वह लोग जब चाहते हैं तब आंदोलन समाप्त भी कर देते हैं !

जिन आंदोलनों के पीछे विश्व सत्ता का संरक्षण नहीं होता है, वह आन्दोलनकारी लोग लाखों की तादाद में सालों साल सड़कों पर बैठे रहते हैं और उनकी कोई सुनवाई नहीं होती है न तो देश में और न ही वैश्विक स्तर पर ! बल्कि संवैधानिक संस्थायें उन्हें उलटा डांटती फटकारती रहती हैं ! जैसे अभी अभी हाल में किसानों के आंदोलन का हाल हुआ !

हां यह बात अलग है कि कुछ राजनीतिक दलों ने इस किसान आंदोलन का लाभ उठाने के लिए अनावश्यक रूप से अपने प्रतिनिधियों को किसान का नेता बना कर इस आंदोलन में उतार दिया ! जिसका लाभ उन्हें आगामी चुनाव में मिल सकता है !

लेकिन सच्चाई यह है कि बेरोजगारी, भुखमरी, गरीबी, समलैंगिकता, अशिक्षा, समाजवाद, स्वतंत्रता जैसे अनेकों शब्दों का प्रयोग करके यह विश्व सत्ता के लोग विश्व के सभी देशों में अपने सक्रिय सदस्य एन.जी.ओ. के नाम से क्रियाशील रखते हैं, जो समय आने पर विश्व सत्ता के इशारे पर जन आंदोलन खड़ा कर देते हैं !

इसीलिए इन आंदोलनों का कभी कोई अंतिम निष्कर्ष नहीं निकलता है ! हां विश्व सत्ता के इशारे पर यह आन्दोलन देश की सरकारों के लिए अस्थिरता पैदा करने वाले और वैश्विक स्तर पर छवि बिगाड़ने वाले जरुर बन जाते हैं ! लेकिन किसी भी देश के अवांछित शासकों के सत्ता से बाहर होते ही यह आंदोलन बिना किसी निष्कर्ष के विश्व सत्ता के इशारे पर स्वत: समाप्त हो जाते हैं !

इन आंदोलनों के पीछे गहराई में जाकर देखा जाये तो हम यह पायेंगे कि चाहे रूस की क्रांति हो या फ्रांस की, इंग्लैंड की क्रांति हो या भारत के गांधी के नेतृत्व में किया गया आंदोलन सभी कुछ प्रायोजित ही होता है !

और हम लोग अनावश्यक इन क्रांतिकारियों को भावनात्मक कारणों से ढ़ोते रहते हैं और अपना समय बर्बाद करते रहते हैं ! कमोवेश यही हाल आज 5G टावर और वैक्सीनेशन को लेकर भी चल रहा है ! टावर लगाने वाले और वैक्सीनेशन की दवा बेचने वाले लोग ही अपने विरोधी आंदोलनकारियों को पैसे देकर खड़ा करते हैं ! जिससे जनसामान्य का आक्रोश नियंत्रित बना रहे अन्यथा यदि जन सामान्य बिना नियंत्रण के आक्रोशित हो जाएगा तो षड्यंत्रकारियों के षड्यंत्र निश्चित रूप से विफल हो जायेंगे !

इसलिए यह मान लीजिये कि आंदोलन सदैव उन्हीं के द्वारा प्रायोजित होते हैं ! जिनके विरुद्ध आन्दोलन किया जा रहा होता है ! तभी यह सभी आन्दोलन षड्यंत्रकारियों के हितों को ध्यान में रखते हुये उनके नियंत्रण में रहते हैं और आंदोलन का स्वरूप कितना भी बड़ा क्यों न हो वह षड्यंत्रकारियों के षड्यंत्र की सफलता का अंश ही होता है ! यह रहस्य जिस दिन आंदोलन करने वाला युवा जान जाएगा, उसी दिन वह अपनी ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में लगा सकेगा और विश्व को वास्तव में षड्यंत्र से बचा सकेगा !

अपने बारे में कुण्डली परामर्श हेतु संपर्क करें !

योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

 -: सम्पर्क :-
-090 444 14408
-094 530 92553

Share your love
yogeshmishralaw
yogeshmishralaw
Articles: 1766

Newsletter Updates

Enter your email address below and subscribe to our newsletter