आखिर हिंदुओं की रक्षा कैसे होगी : Yogesh Mishra

आज पूरी दुनिया में 2 करोड़ से अधिक हिंदू धर्म का प्रतिनिधित्व करने वाले साधु, संत, सन्यासी, मठाधीश, पुरोहित, सेवक, नागा आदि आदि और न जाने कितने नामों से पुकारे जाने वाले लोग आधुनिक ज्ञान और षड्यंत्र के प्रभाव में असंगठित होकर या तो व्यक्तिगत भोग विलास में उलझे हुये हैं या फिर उनमें वह बौद्धिक सामर्थ ही नहीं बचा हैं कि वह लोग मानवता को सही दिशा दिखा सकें !

शायद यही कारण है कि पूरी दुनिया में ईसाई, मुसलमान, यहूदी आदि न जाने कितने धर्मों को मानने वाले षड्यंत्रकारी आज भारतीय हिंदुओं पर गिद्ध की तरह दृष्टि लगाये बैठे हैं, कि किस तरह से इन हिंदुओं को अधिक से अधिक अपने धर्म में जोड़ जा सके !

इसके अलावा हिंदुओं को वर्णसंकर बनाना, आधुनिकता के नाम पर जाति द्रोही और धर्म द्रोही बनाना या हिंदुत्व की रक्षा के नाम पर हिंदुओं से ही “धर्म रक्षा निधि” लेकर अपने सत्ता सुख की प्राप्ति के लिये राजनीति करने का कार्य बड़े पैमाने पर चल रहा है !

इन सभी विषयों के कारण हिंदू समाज भ्रमित और दिशाहीन है ! जो मठ मंदिरों में बैठे हैं, उन्हें धन चाहिये और जो हिंदुत्व की राजनीति कर रहे हैं, उन्हें सत्ता चाहिये ! लेकिन जिस हिंदू से धन और सत्ता प्राप्त हो रही है ! उनकी रक्षा के लिये न तो इन धर्म गुरुओं के पास और न ही इन राजनीतिज्ञों के पास कोई भी ठोस रणनीति है !

आज विश्व के पटल पर विश्व की सभी महाशक्तियां हिंदुस्तान को खत्म कर देना चाहती हैं ! चाहे वह जैविक हथियार के द्वारा संभव हो या आधुनिक षड्यंत्रकारी अर्थ नीति के द्वारा !

किन्तु यह दुर्भाग्य है कि इन षड्यंत्र और हथियारों की विश्वव्यापी राजनीति को समझने का सामर्थ्य न तो अब हिंदुस्तान के आम आवाम में है और न ही हिंदुस्तान के आम आवाम के बीच से निकले हुये उन राजनीतिज्ञों में है, जो आज देश की दशा और दिशा का संवैधानिक शक्तियों से निर्धारण करते हैं !

शायद यही कारण है कि हर तरह की प्राकृतिक संपदा से संपन्न भारत आज विश्व के पटल पर एक भिखारी से अधिक और कुछ नहीं है ! कभी वह थोड़े से अनाज के लिए दुनिया के सामने कटोरा लेकर घूमने लगता है, तो कभी आधुनिक चिकित्सा विज्ञान की सुविधाओं के लिए गिड़गिड़ा ने लगता है !

यह सभी कुछ राष्ट्र के आत्म स्वाभिमान के विपरीत है ! भारत के पूंजीपतियों ने इस करो ना काल में जब अपने इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन को भारत के आम आवाम के लिए सर्व सुलभ करा दिया ! गुरुद्वारों में सिखों ने ऑक्सीजन का लंगर लगा दिया ! तब मंदिरों के अंदर पड़े हुये धन को मानवता की रक्षा के लिए मंदिर के मठाधीशों ने जनता के लिए सर्व सुलभ क्यों नहीं करवाया जबकि पूरी दुनिया को यह लोग मंचों से धर्म और त्याग की शिक्षा देते हैं !

यही दोहरा व्यक्तित्व आज हिंदुत्व के सर्वनाश का कारण है ! इसे हिंदुओं को समझना होगा और आत्मरक्षा के वैकल्पिक उपायों पर विचार करना होगा ! अपने बौद्धिक स्तर को धर्म ग्रंथों और धर्म गुरुओं की कथाओं से ऊपर उठा कर आधुनिक विज्ञान से जोड़ना होगा ! विश्व सत्ता के षडयंत्र को समझ कर उसकी काट करनी होगी और यह सब स्वयं करना होगा न कि कोई “कल्कि अवतार” आकर करेगा !

तभी हिंदू अपनी रक्षा कर पायेगा वरना इन तथाकथित हिंदूवादी राजनीतिक दल और धर्मगुरुओं के दम पर अगर हिंदू अपने को सुरक्षित मान रहा है, तो इससे बड़ा इस शताब्दी का विश्वव्यापी भ्रम और कोई नहीं है और यही भ्रम एक दिन हम सभी हिंदुओं को बहुत बड़े संकट में डाल देगा !!

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योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

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