विश्व सत्ता द्वारा जल्द ही आपकी समस्त सम्पत्ति का हरण कैसे होगा : Yogesh Mishra

जिस तरह पृथ्वी के गर्भ में छिपा हुआ सोना जब एक बार परिश्रम से प्राप्त हो कर लिया जाता है ! फिर वह स्वर्ण रूप प्राप्त कर लेने के बाद पुनः नष्ट नहीं होता है ! बल्कि जो व्यक्ति उसे परिश्रम से निर्मित करता है ! उसे कोई अन्य व्यक्ति उस स्वर्ण के मूल्य भुगतान करके या छल द्वारा ही उसे प्राप्त कर सकता है !

ठीक यही स्थिति परिश्रम द्वारा उत्पन्न की गई संपत्ति या धन की होती है अर्थात दूसरे शब्दों में कहा जाये कि जब कोई व्यक्ति अपने परिश्रम और पुरुषार्थ से कोई संपत्ति या धन प्राप्त कर लेता है ! तो उसके उपभोग के अतिरिक्त अन्य संपत्ति या धन दूसरा व्यक्ति उस उत्पन्न करने वाले व्यक्ति से मूल्य देकर या छल द्वारा प्राप्त कर लेता है ! यही प्रकृति की व्यवस्था है !

इसीलिये कहा गया है कि धन की दो ही गति है या तो उसका भोग कर लिया जाये अन्यथा वह नष्ट हो जायेगी ! इसीलिये सनातन शास्त्रों में भोग से अतिरिक्त संपत्ति के लिये स्वप्रेरणा से दान देने की व्यवस्था है क्योंकि शास्त्र निर्माताओं का यह अनुभव है कि संपत्ति जो प्रयोग से अतिरिक्त है यदि उसका दान नहीं किया जाता है तो वह कुछ समय बाद स्वत: धीरे-धीरे नष्ट होने लगती है !

किंतु आज के आधुनिक परिवेश में तकनीकी के माध्यम से अब व्यक्ति के भोग से अतिरिक्त संपत्ति जिसे वह अपना संचय या निवेश समझता है ! उसे विश्व सत्ता के योजनाबद्ध लुटेरे लूटने के लिये तरह-तरह की योजनायें बनाते रहते हैं और वह लुटेरे इतने सशक्त हैं कि आपके ही शासकों की मदद से ऐसे कानूनों का भी निर्माण करवा लेते हैं ! जिससे वह आपके निवेश या संचय की संपत्ति को लुटने के बाद भी कानून के शिकंजे में न फसें और न ही उन्हें कोई अदालत दण्डित कर सके !

जबकि आप के परिश्रम से आपकी अर्जित संपत्ति आपके आंखों के सामने ही किसी अन्य के पास चली जाती है और आप कुछ नहीं कर पाते हैं ! जैसे कि आपने अपने बैंक में अपने अतिरिक्त आय को संचित कर रखा है और बैंक अचानक डूब जाता है ! आपकी संचय की गई समस्त संपत्ति उस बैंक के डूबने के साथ ही समाप्त हो जाती है और आप कुछ नहीं कर पाते हैं !

ठीक इसी तरह कुछ लोग अपनी संपत्ति को शेयर बाजार में निवेश कर देते हैं ! शेयर बाजार अचानक गिरने से उनके द्वारा निवेश की गई संपत्ति भी नष्ट हो जाती है और निवेशक अपने आंख के सामने नष्ट होती हुई संपत्ति को देखते हुये भी कुछ नहीं कर पाता है !

ऐसे ही अनेकों उदाहरण वर्तमान आर्थिक व्यवस्था में देखने को मिलते हैं ! जिसमें व्यक्ति के परिश्रम से उत्पन्न की गई संपत्ति, संचय या निवेश पर विधि की मदद से कोई अन्य कब्जा कर लेता है या छीन लेता है या उसका हरण कर लेता है और आप कानून के दायरे में उस आपकी संपत्ति छीनने वाले व्यक्ति का कुछ भी नहीं कर पाते हैं !

क्योंकि यह एक अर्थ शास्त्रीय कठोर सत्य है कि जो संपत्ति एक बार निर्मित हो जाती है ! वह कभी पुनः नष्ट नहीं होती है ! हां उसका स्वामित्व जरुर बदलता रहता है ! वह स्वामित्व उस संपत्ति का मूल्य देकर भी बदला जा सकता है और छल के द्वारा उस संपत्ति का हरण करके भी बदला जा सकता है ! जिस हरण को कानून व्यवसायिक रूप में मान्यता देता है ! यहीं से विश्व सत्ता के षडयंत्र की विधिक लूट शुरू होती है !

इसी तरह के व्यवसायी के रूप में कानूनी ठग आज विश्व सत्ता के संरक्षण में पूरे विश्व में योजनाबद्ध तरीके से लूट पाट कर रहे हैं ! कोई बैंकों के माध्यम से आप को लूट रहा है ! तो कोई व्यवसायी बन कर ! तो कोई शेयर बाजार में आपके निवेश का हरण कर रहा है ! कोई कॉमेडीटी मार्केट में आपको लूट रहा है तो कोई यथार्थ संपत्ति की खरीद-फरोख्त में आप को लूट रहा है ! आदि आदि !

इसलिये विश्व सत्ता के संरक्षण में पलने वाले इन विश्वव्यापी डकैतों से को पहचानिये और उनसे अपने संपत्ति को बचाने का पूरा प्रयास कीजिये अन्यथा वर्तमान में चल रही विश्वव्यापी आर्थिक मंदी जिसका भविष्य विश्वव्यापी भुखमरी और आर्थिक यातना है !

उस काल में आपके द्वारा संचित या निवेश की गई समस्त संपत्ति जो आपने अपने परिश्रम से बनाई है ! वह बहुत जल्द आप के नहीं बल्कि किसी अन्य के स्वामित्व में होगी ! यह भविष्य का बहुत बड़ा खतरा है ! जिस षड्यंत्र को विश्व सत्ता के संरक्षण में पूरी दुनिया में एक साथ चलाया जा रहा है !

क्योंकि विश्व सत्ता का षड्यंत्र चलाने वालों का एकमात्र उद्देश्य यही है कि विश्व के हर व्यक्ति की औसत आय इतनी कम कर दी जाये कि वह किसी भी स्थिति में अपनी पैतृक संपत्ति को विश्व सत्ता के नुमाइंदों के हाथ में सौंप दे या जब आपकी पैतृक संपत्ति छीनी जाये तो आप विश्व सत्ता के नुमाइंदे का विरोध न कर सकें !

क्योंकि विश्व सत्ता का एकमात्र उद्देश्य यही है कि पूरे विश्व के समस्त प्राकृतिक संसाधनों पर उनका ही कब्जा हो और इस दुनिया का हर नागरिक उनका गुलाम हो ! जिस दिशा में वह लोग तेजी से कार्य कर रहे हैं ! इसीलिये आये दिन नये-नये बैंक बन रहे हैं ! अधिक लाभ का लालच देकर निवेशकों को आकर्षित कर रहे हैं ! उनसे अपने यहाँ धन जमा करावा रहे हैं और फिर हमारा धन लेकर अपने नाम से दूसरे निवेशों में लगा कर खुद लाभ उठा रहे हैं और बैंक डूब रहे हैं ! जिससे हमारी पूंजी ख़त्म हो रही है और बैंक स्वामी रहीस हो रहे हैं !

आज शेयर बाजार गिर रहा है ! कमोडिटी मार्किट भी गिर रहा है ! पर सोने चांदी का मूल्य बढ़ता जा रहा है ! क्योंकि विश्व सत्ता के नुमाईन्दे यह जानते हैं कि निकट भविष्य में विश्वव्यापी षडयंत्र के कारण खाद्यान्न की कीमत कई गुना अधिक हो जायेगी ! तब रुपये का अवमूलन तेजी से होगा ! उस समय मात्र सोना और चांदी ही आपके जीवित रहने का आधार होगी ! यही विश्व सत्ता के षड्यंत्रकारियों की रणनीति है और आपकी समस्त सम्पत्ति का हरण करने की योजना भी ! जिसे आपको समझना होगा और उससे सावधान भी रहना होगा !!

अपने बारे में कुण्डली परामर्श हेतु संपर्क करें !

योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

 -: सम्पर्क :-
-090 444 14408
-094 530 92553

Share your love
yogeshmishralaw
yogeshmishralaw
Articles: 1766

Newsletter Updates

Enter your email address below and subscribe to our newsletter