साम्राज्यवादी ताकतों के इशारे पर तोड़ा जायेगा अब हिटलर का घर ! : Yogesh Mishra

एक असली राष्ट्रभक्त का भय यह होता है कि उसके मृत्यु के बाद भी साम्राज्यवादी और पूंजीवादी ताकतें उसके नाम और विचारधारा से थरथर कांपती हैं ! क्योंकि उन्हें सदैव यह लगता है कि उनके अत्याचार से पीड़ित होकर कोई दूसरा व्यक्ति कहीं पुनः किसी राष्ट्र भक्त के जन्म स्थान, मृत्यु स्थान या मूर्ति, चित्र आत्मकथा आदि से प्रेरणा लेकर कहीं पुनः इन साम्राज्यवादी और पूंजीवादी शक्तियों के विरुद्ध आवाज उठा कर इनके लिये समस्या न बन जाये !

इसलिए यह लोग विश्व के किसी भी समर्पित राष्ट्रभक्त का नामोनिशान को मिटा देना चाहते हैं ! ऐसा भारत में ही नहीं विश्व के कई देशों में होता रहा है और आज जर्मन के एडोल्फ हिटलर के जन्म स्थल को तोड़ने के लिये भी इन साम्राज्यवादी ताकतों ने जर्मन के पार्लियामेंट पर दबाव डाला हुआ है !

इस लिये ऑस्ट्रिया की सरकार हिटलर के घर को गिराने को लेकर असमंजस में है ! उसे ध्वस्त किये जाने की शुरूआती खबरों के बाद अब कहा जा रहा है कि उस घर का ऐसा कायापलट किया जायेगा कि कोई उसे पहचान नहीं पायेगा कि हिटलर का जन्म यहीं हुआ था ! इस तरह उस घर के अस्तित्व को मिटाने की तैयारी चल रही है जहां जर्मनी के कालजयी यशस्वी चांसलर एडोल्फ़ हिटलर का जन्म हुआ था !

ऑस्ट्रिया और जर्मनी की सीमा के पास स्थित इस घर ‘ब्रनाउ एम इन’ की निचली मंज़िल जो कभी सराय हुआ करती थी और ऊपर की मंज़िल पर उनका परिवार किराये पर रहता था ! इस इमारत में एक कमरे में हिटलर का जन्म 20 अप्रैल 1889 को हुआ था ! नाज़ी शासन के दौरान इस घर को हिटलर ने स्मारक बना दिया था ! जहां बड़ी संख्या में पर्यटक आते जाते थे ! लेकिन 1944 में नाज़ी शासन ख़त्म होने के बाद इसे बंद कर दिया गया !

यह घर नाज़ियों के लिये पूजनीय स्थल या केन्द्र बिंदु न बने इसलिके लिये साम्राज्यवादी और पूंजीवादी ताकतें के दबाव में ऑस्ट्रिया की सरकार ने इसे गिराने का फ़ैसला लिया था ! लेकिन ऑस्ट्रिया में इस घर को लेकर विवाद रहा है ! कुछ लोगों का कहना है कि इसे गिरा दिया जाना चाहिये ! जबकि बहुत से लोगों का कहना है कि इसका इस्तेमाल दूसरे कामों के लिये भले ही कर लें लेकिन इस ऐतिहासिक धरोहर को नष्ट नहीं किया जाना चाहिये !

यह घर सरकार और मकान मालिक के बीच क़ानूनी विवाद की वजह बना हुआ है ! इसकी मालकिन इस तीन मंजिला इमारत को बेचने से साफ इनकार करती है !

यही वजह है कि साम्राज्यवादी और पूंजीवादी ताकतें के दबाव में ऑस्ट्रिया की सरकार मकान को गिराने के लिये संसद में नया कानून पारित करने जा रही है ! जर्मन की सरकार हिटलर के घर को नये क़ानून के मुताबिक़ उसके मालिक से ज़ब्त कर सकती है !

ऑस्ट्रियन अख़बार डी प्रेसे ने ऑस्ट्रिया के गृह मंत्री वोल्फगैंग सोबोत्का के हवाले से कहा कि विशेषज्ञों की एक समिति ने यह तय किया है कि इस घर को ध्वस्त कर देना चाहिये ! इसलिये यह क़ानूनी प्रक्रिया की जा रही है ! जबकि दूसरी तरफ जर्मन का आम आवाम इसे नष्ट नहीं होने देना चाहती है !

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योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

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