“हिन्दुओं” से “हिन्दुत्व” का अपरहण | Yogesh Mishra

अमेरिका की खुफिया एजेंसी सी0आई0ए0 द्वारा जारी “वर्ल्ड फैक्ट बुक” की रिपोर्ट के अनुसार “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ” भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिये प्रयास रह एक “हिन्दू राष्ट्रवादी संगठन” है ! जिसे आरo एसo एसo भी कहते हैं !

विश्व हिंदू परिषद इसी आरo एसo एसo की एक अनुषांगिक शाखा है ! इसे वीoएचoपीo या विहिप के नाम से भी जाना जाता है। विहिप का चिन्ह बरगद का पेड़ है और इसका नारा, “धर्मो रक्षति रक्षित:” अर्थात जो धर्म की रक्षा करता है, धर्म उसकी रक्षा करता है।

सी0आई0ए0 ने “विश्व हिंदू परिषद” और उसके युवा अंग “बजरंग दल” को “हिन्दू धार्मिक उग्रवादी” संगठन बतलाया है ! सी0आई0ए0 ने यह भी कहा है कि विहिप और बजरंग दल ‘राजनीतिक दवाब समूह’ की श्रेणी के संगठन हैं ! जिनके चलते भारत में लोकतंत्र खतरे में है ! अतः वक्त रहते इस पर अंकुश लगाया जाना बहुत आवश्यक है वरना वह दिन दूर नहीं जब भारत हिन्दू राष्ट्र घोषित हो जायेगा !

इसी रिपोर्ट को देखते हुए अमेरिका ने भारत के विश्व हिंदू परिषद को समाप्त करने के उद्देश्य से एक बहुत बड़ी रणनीति की शुरुआत की है !
जिसमें चार चरण हैं !

नंबर 1 – भारत के हिंदुओं का आरo एसo एसo और विश्व हिंदू परिषद के प्रति आस्था खत्म करना !

दूसरा – भारत के मठ मंदिरों की पवित्रता को भंग करना एवं इन मठ मंदिरों के प्रति हिंदुओं में घृणा का भाव पैदा करना !

तीसरा – भारत के सनातन धर्म के रक्षक ब्राह्मणों को भारत में ही समाज के अन्य वर्ग अन्य वर्ग से लड़ वाकर प्रभावहीन करना ! और

चौथा – भारत के सनातन धर्म यों को सनातन धर्म छोड़ने के लिए मानसिक रूप से तैयार करना !

विश्व हिंदू परिषद से प्रवीण तोगड़िया जैसे गद्दावर हिन्दू वादी नेता को षडयंत्र पूर्वक निकालने के बाद आज विश्व हिंदू परिषद अपने अस्तित्व के लिए लड़ रहा है ! कोई भी हिंदू विश्व हिंदू परिषद पर विश्वास नहीं रख रहा है !

प्रयागराज के अर्ध कुंभ में आयोजित “विश्व हिंदू परिषद की धर्म संसद” के ठीक पूर्व एक अन्य धर्म संसद के कार्यक्रम की स्थापना की गई ! जिसके लिए लाखों रुपए पानी की तरह बहाये गये ! परिणाम यह हुआ कि साधु-संत व विभिन्न अखाड़ों ने उस धर्म संसद में भाग लिया और विश्व हिंदू परिषद की घोषणा के पूर्व ही इस धर्म संसद ने 21 फरवरी 2019 को अयोध्या में जाकर भव्य राम मंदिर निर्माण की घोषणा कर दी !

इस धर्म संसद के उपरांत जब विश्व हिंदू परिषद ने अपने धर्म संसद के कार्यक्रमों की शुरुआत की तब विश्व हिंदू परिषद के कार्यक्रम में जो सदैव साधु-संत, नागा व अखाड़ा परिषद के विभिन्न महामंडलेश्वर व पदाधिकारियों से भरा रहता था ! वह आज विरान दिखाई दे रहा है !

विश्व हिंदू परिषद के धर्म संसद के पूर्व में जिस धर्म संसद का आयोजन किया गया था ! उसके आयोजक निर्विवाद रूप से ईसाई धर्म परिवर्तन कराने वाले मुखियाओं के साथ पूर्व में भी अनेक कार्यक्रमों में शिरकत कर चुके हैं !

ऐसी स्थिति में स्पष्ट है कि विश्व हिंदू परिषद के प्रति एक योजनाबद्ध तरीके से हिंदू नागा, साधु-संतों महामंडलेश्वरों व विभिन्न अखाड़ों का मोह भंग किया जा रहा है और ईसाईयों द्वारा बहुत बड़े स्तर पर धन का आकर्षण दिखाकर “नये धर्म संसद” का प्रभावशाली प्रयोग किया जा रहा है !

स्पष्ट है इसका परिणाम आरo एसo एसo और विश्व हिंदू परिषद के प्रति हिंदुओं का मोहभंग होगा और नसमझ हिन्दुओं रुझान उन हिंदूवादी संगठनों के प्रति होगा, जिनके पीछे ईसाई समाज का बहुत बड़ा धन लगा हुआ है ! कालांतर में ईसाई समाज द्वारा स्थापित हिंदू संगठन जब हिंदुओं को हिंदुत्व की दिशा दिखाएंगे तो एक समय निश्चित रूप से वह हिंदुत्व का मार्ग ईसाइयत के दरवाजे पर जाकर खत्म होगा !

ठीक इसी तरह चाहे भगवा योग व्यवसायी द्वारा “शनि देव” को “काला भांड पत्थर” कहकर सार्वजनिक मंचो पर संबोधित किया जा रहा हो या “सबरीमाला” जैसे मंदिरों में मासिक अपवित्र की स्थिति में महिलाओं का बलपूर्वक प्रवेश करवाया जा रहा हो या केरल के अंदर गौ मांस की सार्वजनिक सड़कों पर दावत उड़ाई जा रही हो !

यह सभी स्थिती इस ओर इंगित करती है कि लोगों का भारतीय धर्म संस्थान, भारतीय हिंदू ग्रंथ व हिंदू मंदिरों के प्रति आस्था भंग हो ! इसके लिए देश के बड़े-बड़े चेहरों का प्रयोग किया जा रहा है !

और जो लोग इन इसाईयों के निर्देश पर हिंदुत्व का इसाई करण करने में सहयोग नहीं कर रहे हैं ! वह सन्त आज हत्या और बलात्कार के फर्जी मुकदमों में जेल की कालकोठरिओं में पड़े हुए हैं ! जिनकी कोई सुनवाई न तो शासन में हो रही है और न ही न्यायालय में हो रही है !

इस समय तो यह भी कहना सर्वथा उचित होगा कि हिंदू देवी देवताओं के स्थान पर गैर हिंदू देवी देवताओं का समावेश भी इसी षडयंत्र का हिस्सा है ! अब तो गैर हिंदू तीर्थ स्थलों की भी घोषणा सार्वजनिक मंचों से की जाने लगी है !

और हिंदू समाज का वह वर्ग जो हिन्दू समाज के लिए सदैव समर्पित था ! उसे हिंदू समाज से, हिंदू धर्म स्थलों से, हिंदू मठों और मंदिरों से अलग करके गैर हिंदू नव निर्मित मठ-मंदिरों की स्थापना और गैर हिंदू तीर्थ स्थलों की स्थापना करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है !

तीसरे बिंदु पर ब्राह्मणों द्वारा विभिन्न वर्गों के शोषण किए जाने की मनगढ़ंत कहानियों का इतने वृहद स्तर पर प्रचार प्रसार किया जा रहा है कि ब्राह्मण जो कभी समाज के मार्गदर्शक थे वह आज स्पष्टीकरण देते हुए अपनी बचाव की मुद्रा में आ गया हैं !

पूरे के पूरे हिंदू समाज में इस तरह का वातावरण बनाया जा रहा है कि जैसे सदियों से ब्राह्मणों ने गैर ब्राह्मणों का शोषण किया है और अब यही आखिरी मौका है जब इन ब्राह्मणों का समूल नाश कर दिया जाये अन्यथा यह ब्राह्मण हिंदू समाज को ही नष्ट कर देंगे !

इस तरह की एक योजनाबद्ध तैयारी यह बताती है कि ब्राह्मणों के विरोध में सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से करोड़ों रुपए खर्च करके एक ब्राह्मण विरोधी वातावरण बनाया जा रहा है !

क्योंकि ईसाई समाज यह जानता है कि जब तक ब्राह्मणों का प्रभाव हिंदू समाज पर रहेगा ! तब तक वह अपना धर्मांतरण अभियान तेजी से नहीं चला सकेंगे !

ठीक इसी तरह हिंदू देवी-देवताओं को अय्याश, विलासी, क्रूर, तानाशाह, आतंकवादी, आक्रमणकारी आदि आदि नाम दिये जा रहे हैं ! पूर्व के धर्म युध्दों के उदाहरणों को लेकर हिंदूसमाज को विकृत करने के उद्देश्य से तरह-तरह की कपोल कल्पित कथाओं का निर्माण किया जा रहा है ! और इसके लिये लाखों रुपए खर्च करके आयोजकों द्वारा मंचों से हिन्दू देवी-देवताओं के प्रति घ्रणा का भाव पैदा करने के लिए प्रचार-प्रसार किया जा रहा है !

यह सभी स्थितियां हिंदू सनातन धर्म को क्रमबद्ध और योजनाबद्ध तरीके से नष्ट करने के लिए प्रायोजित की जा रही हैं ! यदि समय रहते हिंदुओं ने षड्यंत्र को नहीं समझा तो वह दिन दूर नहीं कि जब मंदिरों में साईं बाबा की तरह जीसस क्राइस्ट की पूजा होगी और मठों में शराब घर और वेश्यालय चले रहे होंगे !

सर्व सनातन हिंदू धर्म के लिए यह भयावह कष्ट का समय है ! अतः वक्त रहते हिंदुओं को अंतर्राष्ट्रीय हिंदू विरोधी षड्यंत्र को समझना चाहिये और उसे निष्फल बनाने के लिए समस्त अहंकार को त्याग कर एक मंच पर एकत्रित होकर एकजुट होकर विरोध करना चाहिये !!

अपने बारे में कुण्डली परामर्श हेतु संपर्क करें !

योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

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