डायबिटीज रोग नहीं षडयंत्र है ! डायबिटीज के षडयंत्र से आजीवन मुक्ति पाईये ! : Yogesh Mishra

डायबिटीज रोग नहीं षडयंत्र है !

डायबिटीज के षडयंत्र से आजीवन मुक्ति पाईये !

कहा जाता है कि डायबिटीज का कोई इलाज नहीं है यदि यह किसी को एक बार हो जाए तो उसे जीवनभर दवाई खानी पड़ती है लेकिन यह दवा बेचने वाली कंपनियों का एक बहुत बड़ा षड्यंत्र है डायबिटीज अपने आप में कोई रोग नहीं है बल्कि इससे एक व्यवस्थित तरीके से फैलाया जा रहा है कुछ गलत सूचना और दूषित आहार के कारण जब हमारे शरीर में विषाक्तता बढ़ जाती है तब हमें डायबिटीज के लक्षण दिखाई देने लगते हैं ! इससे ग्रस्त 47.5 फीसद लोगों को अपनी बीमारी के बारे में पता ही नहीं होता है ! जिस वजह से सही उन्हें इलाज नहीं मिल पाता है !

शुगर (डायबिटीज) के लक्षण लगातार पेशाब आना, बार-बार बदन दर्द की शिकायत होना, लगातार त्वचा और प्राइवेट पार्ट्स में संक्रमण होना या कैविटी होना, घाव का जल्दी से न भरना, गला सूखना या फिर प्यास लगना, कमजोर दृष्टि, अधिक वजन या घटा हुआ वजन, लगातार थकान या कमजोरी महसूस होना, अत्यधिक भूख लगना, व्यवहार में चिड़चिड़ापन आदि आदि !!

डायबिटीज तीन तरह की बतलाई जाती है !

1 – यह एक ऑटोइम्यून विकार है ! जिसमें बीटा कोशिकाएं इंसुलिन नहीं बना सकती हैं ! इस मधुमेह में रोगी को इंसुलिन के इंजेक्शन दिये जाते हैं ताकि शरीर में इंसुलिन की मात्रा ठीक से बनी रहे ! बच्चों और युवाओं को इन मधुमेह की आशंका ज्यादा होती है !

2 – इसमें शरीर में इंसुलिन की मात्रा कम हो जाती है या शरीर ठीक से इंसुलिन का उपयोग नहीं कर पाता है !

3 – मधुमेह गर्भावस्था के दौरान होता है, जब रक्त में शर्करा (Blood sugar) की मात्रा बढ़ जाती है ! इस समय के दौरान, गर्भवती महिलाओं को टाइप 2 मधुमेह होने का खतरा अधिक होता है !

आयुर्वेद में डायबिटीज को मधुमेह के नाम से जाना जाता है ! यह दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाले रोगों में से एक है ! खून में ग्लूकोज की मात्रा जरूरत से ज्यादा बढ़ने पर डायबिटीज की बीमारी उपन्न होती है ! सबसे पहले डायबिटीज का मामला तकरीबन 1000 ईसा पूर्व सामने आया था ! तब चरक संहिता और सुश्रुत संहिता में मधुमेह को ऐसी बीमारी के रूप में परिभाषित किया गया है जिसमें मरीज को बार-बार पेशाब आता है ! इसमें प्रभावित व्यक्ति का पेशाब कसैला और मीठा पाया गया !

आयुर्वेद के अनुसार डायबिटीज मेलिटस विभिन्न कारणों से हो सकता है ! यह मूलत: शरीर की चयापचय प्रणाली के गडबड़ा जाने की वजह से होता है ! चयापचय एक प्रक्रिया है जिससे शरीर भोजन को ऊर्जा में बदलता है ! चयापचय प्रणाली में गड़बड़ी के कारण इंसुलिन नामक हार्मोन शरीर में या तो प्रभावी तरीके से काम करना बंद कर देता है या फिर इसकी कमी हो जाती है !

मधुमेह का खतरा बढ़ाने वाले प्रमुख कारकों में आहार, जीवनशैली, पर्यावरण और कफ दोष बढ़ाने एवं अंसतुलित करने वाले सभी कारक शामिल हैं ! डायबिटीज के सबसे सामान्य कारणों में वंशानुगत और आनुवंशिक कारक को भी गिना जाता है ! डायबिटीज के इलाज के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सक मधुमेह पैदा करने वाले कारणों से बचकर, जीवनशैली में उचित बदलाव कर के जैसे कि नियमित एक्सरसाइज, योग, संतुलित आहार और उचित दवाएं लेने की सलाह देते हैं !

डायबिटीज को जड़ से ठीक करने के लिए सनातन ज्ञान पीठ के वैज्ञानिक व डाक्टर इस विषय में परंपरागत आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज कर इसे जड़ से ठीक कर दे रहे हैं जिसके अनेकों उदाहरण दिखलाई समाज में सामने आ रहे हैं ऐसी स्थिति में सनातन ज्ञान पीठ परिवार के जो सदस्य डायबिटीज आदि से पीड़ित हो वह नि:शुल्क परामर्श लखनऊ कार्यालय में ले सकते हैं और डायबिटीज से मुक्त हो सकते हैं !

अपने बारे में कुण्डली परामर्श हेतु संपर्क करें !

योगेश कुमार मिश्र 

ज्योतिषरत्न,इतिहासकार,संवैधानिक शोधकर्ता

एंव अधिवक्ता ( हाईकोर्ट)

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-090 444 14408
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