जानिये संस्कृत भाषा का अनकहा सत्य | Yogesh Mishra

देव भाषा “संस्कृत” विदेशी भाषा है ! ज्ञान की अनादि देवी कही जाने वाली “माँ सरस्वती” ही एक मात्र ऐसी देवी हैं जिन्होंने ने कोई भी अस्त्र-शस्त्र धारण नहीं किये हैं और न ही कभी कोई युद्ध किया है !…
देव भाषा “संस्कृत” विदेशी भाषा है ! ज्ञान की अनादि देवी कही जाने वाली “माँ सरस्वती” ही एक मात्र ऐसी देवी हैं जिन्होंने ने कोई भी अस्त्र-शस्त्र धारण नहीं किये हैं और न ही कभी कोई युद्ध किया है !…
महर्षि गौतम की पत्नी अहल्या के साथ जब इंद्र ने छल किया, तब तक अहल्या को दो संताने प्राप्त हो चुकी थी ! उनमें से एक तो “शतानन्द” माता सीता के पिता राजा जनक के यहां राजपुरोहित घोषित हुये और…
रावण “वैष्णव संस्कृति” का विरोधी क्यों था ! “यक्ष” बनाम “रक्ष” संस्कृति जैसा कि हमारे पुराण बतलाते हैं कि भगवान सूर्य का विवाह विश्वकर्मा की पुत्री संज्ञा से हुआ ! विवाह के बाद संज्ञा ने वैवस्वत और यम (यमराज) नामक…
रावण जैसा श्रेष्ठ ब्राहमण ही अपनी मृत्यु का संकल्प अनुष्ठान अपने शत्रु श्री राम को पूर्ण करवा सकता है ! बाल्मीकि रामायण और तुलसीकतृ रामायण में इस कथा का वर्णन नहीं है, पर तमिल भाषा में लिखी महर्षि कम्बन की…
गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस नाट्य ग्रंथ के प्रचलन के साथ एक यह अवधारणा भी फैली कि विभीषण भ्रातद्रोही व राष्ट्रद्रोही था ! रावण के मृत्यु का मूल कारण विभीषण का भगवान श्री राम से मिल जाना था ! इस…
शबरी की कथा का वर्णन रामायण, भागवत, रामचरितमानस, सूरसागर, साकेत आदि ग्रंथों में मिलती है । सीता की खोज करते हुए जब सीता की खोज में जब राम और लक्ष्मण वर्तमान छत्तीसगढ़ के डांग जिले में सुबीर गांव के निकट…
रावण जब विश्व विजय अभियान से लौटा तो पूरी लंका में उत्सव का माहौल था ! सभी रावण के पुरुषार्थ और पराक्रम की जय जयकार कर रहे थे, किंतु मंदोदरी उदास थी ! रावण ने जब मंदोदरी से उसकी उदासी…
‘रावण’… दुनिया में इस नाम का दूसरा कोई व्यक्ति नहीं है। कुछ विद्वानों अनुसार रावण छह दर्शन और चारों वेद का ज्ञाता था इसीलिए उसे दसकंठी भी कहा जाता था। रावण का राज्य विस्तार : रावण ने सुंबा और बालीद्वीप…
सामान्यतया यह माना जाता है के रावण दुष्ट प्रवृत्ति का राक्षस व्यक्ति था लेकिन यह सूचना गलत है रावण भगवान ब्रह्मा के वंश का एक देवयोनि का उच्चकुल का ब्राह्मण था जिसने अपने ज्ञान और पुरुषार्थ से भगवान शिव को…