Category Shaivism & Vaishnavism

“शैव संस्कृति” पर हमले के कारण कटा था ब्रह्मा जी का “सर” ! Yogesh Mishra

मत्स्य पुराण अनुसार ब्रह्मा के पांच सिर थे। कालांतर में उनका पांचवां सिर शिवजी ने काट दिया था जिसके चलते उनका नाम कापालिक पड़ा । इस विषय पर आज चर्चा करेगे ! उस काल में विश्व की सबसे विकसित संस्कृति…

भारत की प्राचीनतम भाषा देव भाषा संस्कृत नहीं बल्कि शैव भाषा तमिल है ! Yogesh Mishra

भगवान शिव के डमरू से संस्कृत नहीं तमिल भाषा निकली थी ! वैष्णव ग्रन्थ बतलाते हैं कि संस्कृत भाषा देव भाषा है ! इसीलये सभी वैष्णव धर्म ग्रन्थ वेद, उपनिषद, ब्राह्मण ग्रन्थ व कर्मकाण्डीय ग्रन्थ संस्कृत भाषा में उपलब्ध हैं…

देव और दानव कौन थे, आदि सभ्यता के विकास का संक्षिप्त इतिहास ! Yogesh Mishra

‘असुर’ शब्द का प्रयोग ऋग्वेद में लगभग 105 बार हुआ है ! उसमें 90 स्थानों पर इसका प्रयोग ‘शोभन’ अर्थ में किया गया है और केवल 15 स्थलों पर ही इन्हें ‘देवताओं का शत्रु’ बतलाया गया है ! अर्थात असुर…

रावण की नाभि का रहस्य | क्या है इसका वास्तविक अर्थ | Yogesh Mishra

बताया जाता है कि रावण की नाभि में अमृत था ! जिस वजह से उसे कोई भी व्यक्ति युद्ध में परास्त नहीं कर सकता था ! जब भगवान श्रीराम ने रावण के साथ युद्ध किया तब राम ने जब उसके…

राम ने रावण की हत्या की थी या उसका वध किया था ! Yogesh Mishra

हत्या और वध में अंतर होता है ! हत्या का तात्पर्य है कि जब किसी व्यक्ति को बिना किसी कारण, बिना किसी दोष के जान से मार दिया जाता है तो उसे हत्या कहते हैं ! इस तरह की हत्या…

वैष्णव संस्कृति के विस्तार के लिये निर्मित व प्रचारित की गई थी “सत्य नारायण व्रत कथा” ! Yogesh Mishra

स्कंद पुराण के रेवाखंड में वर्णित सत्यनारायण व्रत कथा का वर्णन न तो रामायण में मिलता है और न ही महाभारत में मिलता है अर्थात भगवान श्री कृष्ण के काल तक सत्यनारायण व्रत कथा समाज में लोकप्रिय नहीं थी !…

शैव और वैष्णव संस्कृति के झगड़ो के कारण शुरू हुई सती प्रथा | Yogesh

स्कंद पुराण के अनुसार एक बार लोमस ऋषि ने ऋषियों को बतलाया कि राजा दक्ष प्रजापति की बेटी “सती” ने पिता की इच्छा के विरुद्ध भगवान शिव से विवाह कर लिया ! विवाह उपरांत जब राजा दक्ष ने यज्ञ का…

“वैष्णव संतों” की अच्छी मार्केटिंग ने निगल ली, भारतीय तपस्वीयों की “शैव उपासना” पध्यति

कभी आपने विचार किया कि अधिकांश विख्यात सन्त “वैष्णव उपासक” ही क्यों थे और शैव तपस्वीयों को असुर या राक्षस, दानव, पिशाच, गंधर्व, आदिवासी आदि क्यों कहा जाता था ! यह कुछ और नहीं बस वैष्णव समाज की मार्केटिंग थी…

जानिये कैसे आर्यों के भय से विकसित हुई थी “वैदिक यज्ञ पद्धति”| Yogesh Mishra

आज से हजारों साल पहले जब मनुष्य प्रकृति के विषय में अज्ञानी था और मनुष्य को अपने को सुरक्षित और संरक्षित करने के संसाधन उसके पास नहीं थे ! तब वह प्राय: प्राकृतिक आपदाओं का शिकार हो जाया करता था…

भगवान राम की सेना में नहीं था कोई जानवर ! उनके साथ 300 से अधिक राजा लड़ें थे रावण से ! Yogesh Mishra

वैज्ञानिक शोधकर्ताओं के अनुसार भगवान राम के जन्म की तारीख महर्षि वाल्मीकि द्वारा बताए गए ग्रह-नक्षत्रों के आधार पर प्लैनेटेरियम सॉफ्टवेयर से गणना के अनुसार प्रोफेसर तोबयस ने ग्रहों के विन्यास के आधार पर 7130 वर्ष पूर्व अर्थात 10 जनवरी…