Category Shaivism & Vaishnavism

कभी विश्व अराध्य रहे हैं भगवान शिव : Yogesh Mishra

भगवान शिव की पूजा या आराधना एक गोलाकार खड़े पत्थर के रूप में की जाती है ! जिसे पूजा स्थल के गर्भगृह में रखा जाता है ! सिर्फ भारत और श्रीलंका में ही नहीं, भारत के बाहर विश्व के अनेक…

कभी सम्पूर्ण विश्व शैव उपासक भी रहा है ! Yogesh Mishra

यह गलत अवधारण है कि पूरा विश्व सदैव से मात्र वैष्णव उपासक ही रहा है ! जबकि सत्य यह है कि वैष्णव उपासना के पूर्व पूरे विश्व में मात्र शैव उपासना ही होती थी ! वैष्णव उपासक क्षत्रियों ने जब…

प्राचीन काल की अलौकिक जातियां देव, दैत्य, दानव, राक्षस, यक्ष, किन्नर, आदि का रहस्य ! Yogesh Mishra

वर्तमान में वर्ण (रंग) को भी जाति ही समझा जाता है ! किताबों में या डिक्शनरी में जाति शब्द को कई अन्य शब्दों से संयुक्त करके दर्शाया जाता है जिसके चलते समाज में भ्रम की स्थिति है ! आजकल जाति…

शैव और वैष्णव मंदिरों की निर्माण शैली अलग-अलग है ! Yogesh Mishra

tभारतीय स्थापत्य कला व शिल्पशास्त्रों के अनुसार मंदिरों विशेषत: हिंदू मंदिरों की तीन मुख्य शैलियाँ हैं – नागर शैली : मुख्यत: उत्तर भारतीय शैली द्रविड़ शैली : मुख्यत: दक्षिण भारतीय शैली वेसर शैली : नागर-द्रविड़ मिश्रित मुख्यत: दक्षिण-पश्चिमी भारतीय शैली…

भारत की मूल शैव संस्कृति की उत्पत्ति कश्यप ऋषि से हुई थी ! Yogesh Mishra

महर्षि कश्यप ब्रम्हा के मानस पुत्र मरीचि के पुत्र थे ! इस प्रकार वे ब्रम्हा के पोते हुए ! महर्षि कश्यप ने ब्रम्हा के पुत्र प्रजापति दक्ष की 17 कन्याओं से विवाह किया ! संसार की सारी जातियां महर्षि कश्यप…

जानिये वैष्णवो ने शैवों की धरती भारत को अपना कैसे बतलाया Yogesh Mishra

श्रीमद्भागवत पुराण के पञ्चम स्कन्ध में भारत राष्ट्र की स्थापना का वर्णन आता है ! भारतीय वैष्णव दर्शन के अनुसार सृष्टि उत्पत्ति के पश्चात ब्रह्मा के मानस पुत्र स्वयंभू मनु ने व्यवस्था सम्भाली ! इनके दो पुत्र, प्रियव्रत और उत्तानपाद…

“लक्ष्मण रेखा” की कहानी बंगाल के कथावाचकों की देन है ! Yogesh Mishra

वाल्मीकीय रामायण में और तुलसीदासकृत रामचरितमानस सीताहरण का विस्तृत विवरण मिलता है । संबंधित कथा अरण्यकांड में उपलब्ध है । सीता का लक्ष्मण द्वारा समझाये जाने और फिर उनका रावण के साथ संपन्न वार्तालाप का प्रकरण 45वें से 49वें सर्ग…

भारत की सभ्यता और संस्कृति गंगा के किनारे नहीं बल्कि सरस्वती नदी के किनारे पनपी थी ! | Yogesh Mishra

वैदिक काल में सरस्वती की बड़ी महिमा थी और इसे ‘परम पवित्र’ नदी माना जाता था, क्यों कि इसके तट के पास रह कर तथा इसी नदी के पानी का सेवन करते हुए ऋषियों ने वैदिक ज्ञान का विस्तार किया…

भगवा ध्वज वैष्णव विजय का प्रतीक है ! पढ़िए पूरा इतिहास : Yogesh Mishra

भगवा ध्वज भारत का ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक ध्वज है ! बतलाया जाता है कि यह त्याग, बलिदान, ज्ञान, शुद्धता एवं सेवा का प्रतीक है ! ध्वज का भगवा रंग उगते हुए सूर्य का रंग है साथ ही प्रज्वलित अग्नि के…

शव को जलाने की प्रथा वैष्णव की देन है ! जानिये पूरा इतिहास : Yogesh Mishra

विश्व की विभिन्न संस्कृति, सभ्यता और धर्म में मृतकों के शव के साथ साथ किये जाने वाले व्यवहार कई प्रकार के चलन में हैं ! जैसे शव को – 1.जलाना 2. दफनाना 3. ममी बनाकर रखना 4. उबालकर कंकाल बनाना…