Category Political Party

नमक की विश्वव्यापी राजनीति और भारत Yogesh Mishra

नमक एक ऐसी आवश्यकता है जिसके बिना व्यक्ति जीवित नहीं रह सकता है ! अंग्रेजों ने मनुष्य की इस कमजोरी को अपने आर्थिक लाभ के लिये प्रयोग किया और मात्र भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में जहाँ जहाँ उनका…

सत्ता की जिद्द से पैदा होता है “नक्सलवाद” Yogesh Mishra

राष्ट्र की स्वतंत्रता के लिए साठ लाख लोगों का बलिदान देने के बाद देश का दुर्भाग्य यह रहा कि देश को आधी-अधूरी आजादी जो मिली वह भी उन लोगों के हाथ में चली गई जो न तो राष्ट्र के प्रति…

“स्वच्छता अभियान” की ओट में बांग्लादेशी घुसपैठियों को स्थाई पनाह Yogesh Mishra

सभी जानते के 6 करोड़ से अधिक “बांग्लादेशी घुसपैठिये” भारत के विभिन्न शहरों में रोज सुबह घर-घर जाकर कूड़ा इकट्ठा करते हैं और उन्हें नगर निगम द्वारा निर्धारित स्थानों पर ले जा कर फेंक देते हैं ! इन 6 करोड़…

अब हराम के जने समलैंगिक करेंगे मोदी की समीक्षा Yogesh Mishra

टाइम पत्रिका के एशिया एडिशन ने भारत में हो रहे लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान पिछले पांच सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के कामकाज पर लीड स्टोरी प्रकाशित की है ! इस खबर सामने आते ही इस आर्टिकल को…

राष्ट्रवादी आंदोलनों” को असफल करने की रणनीति Yogesh Mishra

आंदोलन दो मुख्य कारणों से खड़े किए जाते हैं ! पहला “भ्रम पैदा करके सत्ता को प्राप्त करने के लिए” जैसा कि प्रायः अधिकांश राजनैतिक दल करते हैं ! दूसरा “राष्ट्र की समस्याओं को समाप्त करने के लिये” जैसा कि…

विदेशी घुसपैठियों को भारत में विशेष सुविधायें क्यों दी जा रही है ? Yogesh Mishra

पूर्व में एक आर.एस.एस. के पूर्णकालिक स्वयंसेवक जिन्होंने देश की सेवा के लिए विवाह भी नहीं किया था, वह देश की सेवा करते-करते देश के प्रधानमंत्री हो गये ! उन्होंने हिंदुस्तान के मुसलमानों पर तरस खाकर उन्हें खाड़ी मुल्कों में…

“मोदी” को “दलाई लामा” समझने की भूल न करे चीन ! Yogesh Mishra

सभी जानते हैं “दलाई लामा” ही तिब्बत के राष्ट्राध्यक्ष और आध्यात्मिक गुरू हैं। लेकिन वर्ष 1949 में चीन द्वारा अपने साम्राज्य विस्तार के लिय शांतिप्रय आध्यात्मिक बौद्ध राष्ट्र तिब्बत पर चीन ने हमला कर दिया और तिब्बत की पूर्ण राजनीतिक…

भारत में कोई आंदोलन क्यों नहीं खड़ा होता है ? Yogesh Mishra

सभी जानते हैं कि जर्मन, फ्रांस, रूस, चीन, अमेरिका, ब्रिटेन आदि का इतिहास खूनी क्रांतियों पर टिका है ! किंतु भारत एक ऐसा देश है जहां पर हर तरह का आभाव व अत्याचार सहने के बाद भी कोई आन्दोलन खड़ा…

क्या सिर्फ “गाय” क्या सिर्फ राजनैतिक मुद्दा थी ! Yogesh Mishra

अपने ही जन्म स्थान पर “भगवान राम” को “त्रिपाल” में बिठाये रखने के बाद आज गाय से घोषणा पत्र में पल्ला झाड़ लिया गया है ! अब क्या देश का तथाकथित राष्ट्रवादी राजनीतिक दल “गाय” पर राजनीति नहीं करना चाहता…

जानिये “गाय” कैसे मर रही है “तेरी गौरक्षा – मेरी गौरक्षा” में Yogesh Mishra

“गाय” ने तो कभी ख्वाब में भी नहीं सोचा होगा कि उसके तथाकथित “गौपुत्र” जो “गौरक्षा” के नाम पर “लाठी, डंडा, बंदूक, तलवार, आदि लेकर रात में खुली जीपों पर “अपनी जान” जोखिम में डालकर “कसाईयों” और “तस्करों” से “गायों”…