मनुष्य मृत्युंजयी कैसे बनता है : Yogesh Mishra

सनातन शैव संस्कृति अनादि है, अनंत है और काल से परे है ! क्योंकि इस संस्कृति के संस्थापक भगवान शिव ने स्वयं की है ! जो स्वयं काल से परे हैं ! भगवान शिव का कभी जन्म नहीं हुआ है…
सनातन शैव संस्कृति अनादि है, अनंत है और काल से परे है ! क्योंकि इस संस्कृति के संस्थापक भगवान शिव ने स्वयं की है ! जो स्वयं काल से परे हैं ! भगवान शिव का कभी जन्म नहीं हुआ है…
प्राय: सभी धर्मों में ऐसा चिंतन है कि ईश्वर के समक्ष हर व्यक्ति को मृत्यु के उपरांत प्रस्तुत होना पड़ता है और उस समय व्यक्ति ने जो भी अच्छे या बुरे कर्म किए हैं, उसका सबूत देना पड़ता है !…
आपने प्राय: देखा होगा कि संगीत में स्वर साधना करने वाले शास्त्रीय संगीत गायकों की आयु सामान्य व्यक्तियों से अधिक लंबी होती है ! साथ ही स्वर साधना करने वाले संगीतज्ञ अपने हम उम्र अन्य लोगों के मुकाबले अधिक स्वस्थ…
तंत्र के प्राचीन ग्रंथों में कहा गया है कि ध्यान ही तीसरी आँख का भोजन है ! यह तीसरा नेत्र ध्यान के आभाव में जन्मों-जन्मों से भूखा है ! यही हमारे जीवनी ऊर्जा के पतन का कारण है ! यदि…
विशेष : इस लेख को बस सिर्फ शैव विचारक ही पढ़ें ! रावण ने कभी भी धन की प्राप्ति के लिए लक्ष्मी की आराधना नहीं की ! जबकि लक्ष्मी रावण के परम मित्र दक्षिण भारत के तटीय राजा सागर की…
धर्म ग्रंथ दो तरह के होते हैं ! एक अनुभूति धर्म ग्रंथ और दूसरा ठगी धर्म ग्रंथ ! अनुभूति धर्म ग्रंथ से तात्पर्य उस धर्म ग्रंथों से है, जिनको हम से अधिक विकसित चेतना के स्तर के व्यक्तियों द्वारा ईश्वर…
एक सच्चा ध्यान करने वाला व्यक्ति, तभी ध्यान में स्थित कहा जा सकता है, जब उसका मन कामनाओं और वासनाओं के द्वारा विक्षुब्ध होकर, इधर- उधर न भटक रहा हो ! जब तक किसी व्यक्ति की विषयभोग की इच्छाएँ हैं,…
उचित ज्ञान के अभाव में प्राय: व्यक्ति अपने संस्कारों की हठधर्मिता को नहीं पहचान पाता है और किसी अयोग्य गुरु के मार्गदर्शन में फंस कर प्रतिदिन जीवन के डेढ़ 2 घंटे ध्यान के नाम पर बर्बाद करने लगता है !…
ध्यान लिंग साधना शैवों की अति प्राचीन साधना पद्धति है ! इससे संसार में ब्रह्माण्डीय ऊर्जा से कुछ भी प्राप्त किया जा सकता है ! ध्यान लिंग के निर्माण में एक ताँबे के शिव लिंग में ठोस किया हुआ पारा…
गुरू ब्रह्मा गुरू विष्णु, गुरु देवो महेश्वरा ! गुरु साक्षात परब्रह्मा, तस्मै श्री गुरुवे नमः !! अर्थात गुरु ही ब्रह्मा है, गुरु ही विष्णु है और गुरु ही भगवान शिव हैं ! गुरु ही साक्षात परब्रह्म हैं, ऐसे गुरु को…