गुरु कृपा आवश्यक क्यों है : Yogesh Mishra

गुरु में एक ऐसा आध्यात्मिक चुम्बकीय बल होता है कि गुरु के प्रति सम्पूर्ण समर्पण मात्र से ही व्यक्ति की रक्षा स्वत: होने लगती है ! इसलिए गुरु निवास स्थल को आश्रय की सकारात्मक ऊर्जा के कारण आश्रम कहा जाता…
गुरु में एक ऐसा आध्यात्मिक चुम्बकीय बल होता है कि गुरु के प्रति सम्पूर्ण समर्पण मात्र से ही व्यक्ति की रक्षा स्वत: होने लगती है ! इसलिए गुरु निवास स्थल को आश्रय की सकारात्मक ऊर्जा के कारण आश्रम कहा जाता…
आध्यात्मिक ऊर्जा सम्प्रेषण का विज्ञान ! किसी अन्य व्यक्ति को आध्यात्मिक ऊर्जा देने के लिये कुछ बिदु अत्यंत महत्वपूर्ण हैं ! प्रथम तो ऊर्जा देने वाले गुरु का परम चेतना के साथ सम्बन्ध होना परम आवश्यक है ! दूसरा ऊर्जा…
आध्यात्मिक ऊर्जा के आवागमन के सिद्धांत बड़ी सहजता से समझा जा सकता है ! इसके दो स्वरूप में होता हैं ! एक सकारात्मक और दूसरा नकारात्मक ! आध्यात्मिक ऊर्जा के स्थानान्तरण के समय उच्च केंद्र में स्थित व्यक्ति से निम्न…
यद्यपि आध्यात्मिक ऊर्जा के संचय के लिये गुरु और शिष्य दोनों का प्रयास आवश्यक है ! किन्तु उत्तरदायित्व शिष्य का ही अधिक होता है ! गुरु का कार्य आध्यात्मिक ऊर्जा के प्रवाह में बाधक तत्वों की पहचान करना और उनका…
जैसे किसी देश में बहुत से महत्वपूर्ण स्थान होते हैं और जब किसी व्यक्ति को किसी स्थान पर जाना होता है ! तो वह व्यक्ति विशेष रेलवे स्टेशन पर पहुंच कर उस स्थान की ओर जाने वाली ट्रेन में बैठ…
इंसान जीवन भर अपने आप को धोखा देता है ! बल्कि सच तो यह कहें कि इंसान के जन्म से पहले ही धोखा उसका साथ कर लेता है ! व्यक्ति के जन्म की सामान्य प्रक्रिया को धोखा देकर डॉक्टर जटिल…
जीव का परम उद्देश्य है जीवत्व से मुक्त होकर शिवत्व में प्रवेश करना ! यह तभी संभव है जब जीव वस्तु स्थिति का ज्ञान का लेता है, वह अपनी आत्म स्थिति का अनुसंधान करते हुए उसमें अवस्थित हो जाता है…
गणना से परिवर्तन को समझने की उत्पत्ति हुई है ! हम जिस किसी भी वस्तु या पदार्थ की गणना कर सकते हैं वहां पर परिवर्तन किया जाना निश्चित रूप से अवश्य शंभावी है या हो सकता है अर्थात दूसरे शब्दों…
सामान्य अवधारणा है कि गुरु का कर्तव्य शिष्य की शंकाओं का समाधान करना है !इसीलिए शिष्य की शंकाओं के समाधान हेतु तरह-तरह के उपनिषदों का निष्पादन हुआ ! किंतु यह विचारधारा मेरे दृष्टिकोण से शिष्य के विकास में सबसे बड़ी…
प्रत्येक व्यक्ति के जन्म के समय अलग-अलग ग्रहीय ऊर्जायें पृथ्वी पर रहती हैं, जिनके प्रभाव से व्यक्ति जीवन भर प्रभावित होता है | इन ग्रहीय ऊर्जाओं का असंतुलन व्यक्ति के ओरा को क्षति पहुँचाते रहते हैं , जिससे व्यक्ति को…