कालसर्प दोष से हानियां कालसर्प एक ऐसा योग है जो जातक के पूर्व जन्म के किसी जघन्य अपराध के दंड या शाप के फलस्वरूप उसकी जन्मकुंडली में परिलक्षित होता है। जिसके परिणाम स्वरूप जातक को अनेक प्रकार कि समस्याओं कासामना करना पडता है। जिस जातक की जन्मकुंडली में कालसर्प दोष होता है उसे विभिन्न दुख, कष्ट एवं परेशानीयों का सामना करना पडताहै। जातकके भाग्योदय में अनेक प्रकार की रूकावटें आती है। जातककी प्रगति नहीं होती। जातकको प्रत्येक कार्य में असफलता मिलती है। जातकको जीविका चलाने का साधन नहीं मिलता यदि मिलता है तो उसे अनेक समस्याओं का सामना करना पडता है। जातकको पैतृक धन-संपप्ति से लाभ नहीं होता। जातकको शिक्षा में बाधा, स्मरण शक्ति का ह्नास होता है। उसकी शिक्षा प्रायः अधूरी रहती है। जातकका विवाह नहीं हो पाता। वैवाहिक संबंध टूट जाते है। जातकके घर संतान पैदा नहीं होती, यदि होती भी है तोे जीवित नहीं रहती। जातकके घर पुत्र संतान उत्पन्न नहीं होती या अनेक पुत्रियां होती है। जातककी संतान भी कुबुद्धि और उद्दंडी होती है। जातककी संतान वृद्धावस्था में अलग हो जाती है अथवा दूर चली जाती है। जातकका वैवाहिक जीवन कलहपूर्ण होता है। जातककी पत्नि अज्ञानी, मूर्ख, कामुक, अल्पज्ञ तथा अविश्वासी होती है। जातकअपने मान-सम्मान, पद-प्रतिष्ठा के लिए निरंतर संघर्ष करता रहता है, फिर भी अपयश, आलोचना, उपेक्षा आदि से घिरा रहताहै।…