प्रकृति सभी समस्याओं का समाधान है : Yogesh Mishra

यदि प्रकृति को परिभाषित करना हो तो एक लाइन में कहा जा सकता है कि पंचतत्व का प्रगट स्वरूप ही प्रकृति है ! अर्थात दूसरे शब्दों में कहा जाये कि प्रकृति में जो भी प्रगट स्वरूप इंद्रियों से अनुभूत हो…
यदि प्रकृति को परिभाषित करना हो तो एक लाइन में कहा जा सकता है कि पंचतत्व का प्रगट स्वरूप ही प्रकृति है ! अर्थात दूसरे शब्दों में कहा जाये कि प्रकृति में जो भी प्रगट स्वरूप इंद्रियों से अनुभूत हो…
श्री एस. एस. उपाध्याय, पूर्व न्यायाधीश एवं पूर्व विधिक परामर्शदाता, मा० राज्यपाल, उत्तर प्रदेश, लखनऊ ने अपना मत प्रगट किया है कि ब्राह्मणों का एक वर्ग 21वीं शताब्दी में भी यह मानने को तैयार नहीं है कि भारत की लोकतांत्रिक…
वासना से भरा पुरुष हमेशा स्त्री को वासना का एक साधन ही समझता है । वह उसे पुज्या नहीं भोग्या ही समझता है । वह हर पल वासना की दृष्टि से उसे देखता है । वह उसे प्रेम की नजर…
प्राय: लोग मूर्ति, प्रतिमा और विग्रह को एक ही समझते हैं ! लेकिन ऐसा नहीं है, इन तीनों में बहुत अंतर है ! “प्रतिमा” यह एक संस्कृत शब्द है, जिसका मतलब है, किसी देवता या महापुरुष की छवि के अनुरूप…
यह भारत का इतिहास रहा है कि जब भी कोई सनातन धर्म की रक्षा के लिए कोई भी प्रभावशाली कदम उठाता है उसे वैश्विक षड्यंत्रकारी किसी न किसी महान संकट में जरूर डाल देते हैं ! फिर वह चाहे आसाराम…
आधुनिक चिकित्सा जगत की सबसे महत्वपूर्ण और शोध परक पत्रिका “लांसेट” ने अपने शोध के द्वारा विश्व को यह अवगत कराया है कि वर्ष 2023 में एलोपैथिक दवाई की दुनिया में एक बहुत बड़ा भूकंप आने वाला है ! जिसे…
शैव साहित्यों की शृंखला ही बहुत विस्तृत है ! वैरोचन के ‘लक्षणसार समुच्चय’ में इन आगमों के विशाल वांगमय का विस्तार से वर्णन है ! शिव के शास्त्र के रूप में ‘शिवधर्म’ और ‘शिवधर्मोत्तर’ ग्रंथों को शैव साधकों द्वारा रचा…
2019 के बाद जिस तरह वैक्सीन का विरोध कुछ डॉक्टर और चिंतकों द्वारा किया गया ! उसको लेकर 7 फरवरी 2022 में अमेरिका की संसद के अंदर एक बिल लाया गया ! जिसमें उपलब्ध तथ्यों का गहराई से अध्ययन करने…
बेलूर मठ भारत के पश्चिम बंगाल में हुगली नदी के पश्चिमी तट पर बेलूर में स्थित है ! यह रामकृष्ण मिशन और रामकृष्ण मठ का मुख्यालय है ! इस मठ के भवनों की वास्तु में हिन्दू, इसाई तथा इस्लामी तत्वों…
अभी बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर जी ने राजनीतिक कारणों से रामचरितमानस पर कुछ टिप्पणी कर दी और उसका परिणाम यह हुआ कि पूरे भारत का वैष्णव समाज शिक्षा मंत्री के टिप्पणी का विरोध करने लगा ! अब प्रश्न या…