
पाखंडी ध्यान गुरुओं से सावधान : Yogesh Mishra
ध्यान के दो अर्थ होते हैं ! सामान्य प्रचलित भाषा में किसी विषय, वस्तु, व्यक्ति, उद्देश्य…
ध्यान के दो अर्थ होते हैं ! सामान्य प्रचलित भाषा में किसी विषय, वस्तु, व्यक्ति, उद्देश्य…
बड़े-बड़े मनीषी, चिंतक, विचारक, आध्यात्मिक गुरु और समाज के आम लोग जीवन भर यही चिंतन करते…
आज हिंदुओं का बौद्धिक विकास आधुनिक युग के अनुक्रम में रुक सा गया है, और जो…
प्राय: आरोप लगाया जाता है कृष्ण एक कुटिल राजनीतिज्ञ थे और राम मर्यादा पुरुषोत्तम थे !…
सामान्यतया यह कहा जाता है कि अधिवक्ता और राजनीतिज्ञ सबसे अधिक झूठ बोलते हैं ! किंतु…
गोस्वामी तुलसीदास ने राजा दशरथ को रामचरितमानस में एक चक्रवर्ती सम्राट कह कर संबोधित किया है…
बहुत कम लोग इस बात को जानते हैं कि आज से 7500 साल पहले जब विश्व…
सभी कथावाचक बतलाते हैं कि रामायण समाज के हर वर्ग को जोड़ने का दिव्य ग्रंथ है…
प्राय: सभी धर्मों में ऐसा चिंतन है कि ईश्वर के समक्ष हर व्यक्ति को मृत्यु के…